'दुनिया के 8 शक्तिशाली देशों में छठवीं महाशक्ति है भारत, अमेरिका शीर्ष स्थान पर'
शुक्रवार, जन 27, 2017 | 17:11
अमेरिकी विदेश नीति से जुड़ी एक पत्रिका ने 2017 में दुनिया के आठ शक्तिशाली देशों की सूची जारी की है। पत्रिका ने इस सूची में भारत को छठवां स्थान दिया है। पत्रिका का कहना है कि दूनिया के शक्तिशाली देशों की कतार में अब तक भारत की अनदेखी होती आयी है। पत्रिका ने पीएम मोदी की भी प्रशंसा की है।
वाशिंगटन : अमेरिकी विदेश नीति से जुड़ी एक पत्रिका ने 2017 में दुनिया के आठ शक्तिशाली देशों की सूची जारी की है। पत्रिका ने इस सूची में भारत को छठवां स्थान दिया है। पत्रिका का कहना है कि दूनिया के शक्तिशाली देशों की कतार में अब तक भारत की अनदेखी होती आयी है। पत्रिका ने पीएम मोदी की भी प्रशंसा की है।
सूची में पहले स्थान पर अमेरिका है जबकि चीन और जापान को संयुक्त तौर पर दूसरा स्थान मिला है। रूस चौथे और जर्मनी (पांचवें) भारत से आगे हैं। ईरान को सातवें जबकि इजरायल को आठवें पायदान पर रखा गया है।
पत्रिका 'द अमेरिकन इंटेरेस्ट' ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा है कि भारत दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है इसके बावजूद महाशक्तियों की सूची से भारत को बाहर रखा जाता रहा है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या विश्व में दूसरे नंबर पर है। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है।
पत्रिका के मुताबिक भू-राजनीतिक स्थितियों के चलते दुनिया के कई देश अपने द्विपक्षीय संबंध भारत के साथ बढ़ा रहे हैं। अमेरिका, चीन और जापान अपनी एशियाई नीति एवं सुरक्षा को देखते हुए भारत के साथ अपने सहयोग को मजबूती दी है जबकि यूरोपीय संघ और रूस ने भारत के साथ आकर्षक व्यापार समझौते और रक्षा करार किए हैं।
पत्रिका ने साथ ही कहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक सुधारों के आधुनिकीकरण के साथ अपनी क्षमता के उपयोग के जरिये भारत ने चतुराई से इन प्रतिद्वंद्वी शक्तियों से अलग अपनी राह बना ली है। अमेरिकी पत्रिका के मुताबिक, नोटबंदी के बाद उत्पन्न आंतरिक समस्याओं और पाकिस्तान के भय के बावजूद भारत ने 2016 में अपने आधार को मजबूती दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, 'मोदी ने अमेरिका और जापान के साथ नए नौसैनिक सहयोग कायम करने में सफलता हासिल की है और उन्होंने भारतीय सेना को आधुनिक बनाने के लिए रूस, फ्रांस तथा इजरायल के साथ भी कई रक्षा समझौतों पर दस्तखत किए हैं।'
सूची में पहले स्थान पर अमेरिका है जबकि चीन और जापान को संयुक्त तौर पर दूसरा स्थान मिला है। रूस चौथे और जर्मनी (पांचवें) भारत से आगे हैं। ईरान को सातवें जबकि इजरायल को आठवें पायदान पर रखा गया है।
पत्रिका 'द अमेरिकन इंटेरेस्ट' ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा है कि भारत दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है इसके बावजूद महाशक्तियों की सूची से भारत को बाहर रखा जाता रहा है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या विश्व में दूसरे नंबर पर है। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है।
पत्रिका के मुताबिक भू-राजनीतिक स्थितियों के चलते दुनिया के कई देश अपने द्विपक्षीय संबंध भारत के साथ बढ़ा रहे हैं। अमेरिका, चीन और जापान अपनी एशियाई नीति एवं सुरक्षा को देखते हुए भारत के साथ अपने सहयोग को मजबूती दी है जबकि यूरोपीय संघ और रूस ने भारत के साथ आकर्षक व्यापार समझौते और रक्षा करार किए हैं।
पत्रिका ने साथ ही कहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक सुधारों के आधुनिकीकरण के साथ अपनी क्षमता के उपयोग के जरिये भारत ने चतुराई से इन प्रतिद्वंद्वी शक्तियों से अलग अपनी राह बना ली है। अमेरिकी पत्रिका के मुताबिक, नोटबंदी के बाद उत्पन्न आंतरिक समस्याओं और पाकिस्तान के भय के बावजूद भारत ने 2016 में अपने आधार को मजबूती दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, 'मोदी ने अमेरिका और जापान के साथ नए नौसैनिक सहयोग कायम करने में सफलता हासिल की है और उन्होंने भारतीय सेना को आधुनिक बनाने के लिए रूस, फ्रांस तथा इजरायल के साथ भी कई रक्षा समझौतों पर दस्तखत किए हैं।'
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