रविवार, 22 जनवरी 2017

समेजा में जीएलआरों की दुर्दशा


समेजा कोठी।(सतवीर सिहं मेहरा/हरप्रीत सिहं) राजस्थान सरकार की पानी भण्डारन की महत्वाकांक्षी योजनाओं को ग्रामीण स्तर पर पलीता लगाया जा रहा हैं।सीमान्त रक्षक ने इससे पहले दो बार खबर प्रकाशित कर ग्राम सचिव व सरपंच का ध्यान इस सार्वजनिक जीएलआर की तरफ आकर्षित किया था लेकिन लापरवाह रवैये के चलते इस जीएलआर की तरफ ध्यान ही नही दिया जा रहा हैं। संवाददाता ने सचिव को फोन पर भी समस्या के बारे में अवगत करवाया था लेकिन दस दिन बीतने के बाद भी आज तक जीएलआर को चालू करने की जहमत पंचायत ने नही उठाई हैं।मुख्यमंत्री ने सख्त आदेश कर रखे हैं कि पीने के पानी सम्बंधित समस्या नही रहने चाहिये लेकिन समेजा में लाखों रूपये से निर्मित जीएलआर आज भी पानी के लिये मोहताज हैं।मामला एक समेजा बस स्टैण्ड का ही नही हैं बल्कि समेजा पंचायत के जीएलआरों की सरकार सुध ले तो पंचायत की लापरवाही इस हद तक सामने आयेगी की निर्माण करवाने वाला विभाग भी स्थिति देख अपने आँसू नही रोक पायेगा।क्योंकि पंचायत के तमाम जीएलआर शरारती लोगों ने कानून की बिना परवाह किये तोड़ डाले हैं।जीएलआर की देखभाल की सबसे बडी लापरवाही पंचायतों की हैं जिन्होंने आज तक इनकी देखभाल करना उचित नही समझा।  यह जीएलआर पंचायत की अनदेखी के कारण नकारा पडे हैं।सरकार भी लापरवाह हैं जिन्होंने आज तक जीएलआर का निरक्षण नही किया हैं।जबकि धरातल पर पड़ताल करने से लाखों रूपयों से निर्मित जीएलआर के कई रूप सामने आ सकते हैं।क्या वजह की सरकार के लाखों रूपयों की लागत कर बनाये गये जीएलआर को लोग बैखोफ होकर तोड़ देते हैं कुछ तो गडबड़ होती होगी तभी इन जीएलआरों का हुलिया बिगाड दिया जाता हैं।बस बात समझने लायक यह हैं की सरकार पंचायतों में निर्मित जीएलआर की स्थिति जानने का प्रयास तो करे। यदि सरकार के किसी कर्मचारी को पंचायत में निर्मित जीएलआर दिखाई नही देते हो तो हमसे 9772470052,8104894825  पर जब चाहे तब सम्पर्क किया जा सकता हैं हम कर्मचारी का अंधेरा दूर करने में मदद करेगे।जबकि समेजा बस स्टैण्ड के लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं।मजे की बात तो देखिए बर्तन हैं पर खाली पडा हैं वो भी दौ चार सौ रूपयों के खर्च के अभाव में।बडी शर्म की बात हैं ग्राम पंचायत समेजा में पूर्व मंत्री निहालचंद ने मंत्री पद पर रहते जनहित के लिए लाखों रूपयें दिये हैं।पर समेजा पंचायत जनहित के लिए दौ चार सौ रूपये तक नही लगा सकती। जबकि समेजा स्टैण्ड से हर रोज सैंकडों यात्री रोडवेज से आते जाते हैं।
दुकानदार परेशान-समेजा स्टैण्ड पर लगभग सौ के करीब दुकाने हैं जो इस जीएलआर पर निर्भर हैं।यह दुकानदार पीने के लिए मटका आदि इसी जीएलआर से भरकर दुकान में रखते हैं पर जब से पानी की पाईप टूटी हैं तब से दुकानदार पानी के लिए धरती का पानी पीने को मजबूर हैं।नीचे का पानी पीने के कारण लोगों के दांत पीले पड़ रहे हैं साथ ही लोगों में अपच तक हो जाती पर पंचायत कर्मी जीएलआर की तरफ ध्यान तक नही दे रहे।
पंचायत जनहित के लिए लापरवाह क्यों-पंचायते देश के विकास की रीड की हड्डी हैं।गावों में अनदाता निवास करता हैं जो दिन रात मेहनत करके देश को उन्नति के पथ पर ले जाता हैं।फिर क्यों गावों में जनप्रतिनिधि लोगों के हित के लिए पीछे हटते नजर आते हैं।बात लापरवाही की हैॆ की लाखो जाय पर चीज काम ना आये की कहानी समेजा में देखी जा सकती हैं।











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